"माँ भारती "
उतरी हिमालय विजयी
दक्षिणी सिंधु साहसी
शत्रु खड़ा बाहरी
माँ भारती पुकारती
बनो तुम वज्र सी
जलो तो आग सी
रुको नहीं, थको नहीं
विजयी हो विजयी बनो
फुफकार भरो नाग सी
जयघोष करो माँ भारत
काल बनों,
बनो दावानल आग सी
तुम भारत के वीर हो
रुको ना शूर साहसी
कवि :-महेंद्र सिंह.
माँ भारती
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September 30, 2020
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